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Super power magnet - Generally, its scientific power is about 4000 -6000 gauss. In ordinary language, a magnet has the capacity to lift about 3 kg.
Two High Power Magnets useful in the treatment of various aliments, aches & pain of the body. It has a hanging facility over the affected part of the body.
INDICATIONS: For gout, leg, knee, heel pain, improves blood circulation, lower back pain, complaints of hip joints, cervical spondylitis, shoulders and arms pain, sciatica, obesity, etc.
High Power.
Red Color indicates the North Pole
Blue Color indicates the South Pole
Useful for making magnetic water, oil, and milk
Right Palm on North-Pole & Left Palm on South-Pole
चुम्बक के उत्तरी-ध्रुव पर दांयीं हथेली और दक्षिणी-ध्रुव पर बांयीं हथेली रखें। शरीर के अधिक ऊपरी हिस्से के उपचार में इस विधि का प्रयोग करें।
Right Palm on North-Pole & Sole of Left Foot on South-Pole.
चुम्बक के उत्तरी-ध्रुव पर दांयीं हथेली और दक्षिणी-ध्रुव पर बांया पांव रखें। यह विधि जिगर, तिल्ली, पेट तथा आंतों की पीड़ा में लाभप्रद है।
Left Palm on North-Pole & Sole of Left Foot on South-Pole.
चुम्बक के उत्तरी-ध्रुव पर बांयीं हथेली और दक्षिणी-ध्रुव पर बांया पांव रखें। यह विधि शरीर के बांयीं और की पीड़ा, जैसे-लकवा, पोलियो में लाभप्रद है। बांयीं ओर के दर्द और साधारण कमजोरी को भी दूर करती है। इसी तरह शरीर के दंायीं और के दर्द निवारण हेतु दांयें हाथ-पांव में चुम्बक का प्रयोग करें।
Right Sole on North-Pole, Left Sole on South-Pole.
चुम्बक के उत्तरी-ध्रुव पर दांया तलवा और दक्षिणी-ध्रुव पर बांया तलवा रखें।
यह विधि शरीर के अधिक निचले भागों में दर्द, पैर व घुटनों में कम्पन, गठिया, अनियमित तथा निम्न रक्त प्रवाह में लाभप्रद है।
Right Palm on North Pole & Sole of Right Foot on South-Pole.
चुम्बक के उत्तरी-ध्रुव पर दांयीं हथेली और दक्षिणी ध्रुव पर दांया पांव रखें यह विधि दांयीं ओर की पीड़ा जैसे-लकवा, पोलियो तथा साधारण कमाजोरी के लिए प्रयोग करें।
MAGNETIC WATER, MAGNETIC OIL, MAGNETIC MILK
चुम्बकीय जल विधि:- दोनों ध्रुवों पर जल से भरी बोतल काँच या प्लास्टिक की रखें या एक ही बोतल के दोनों ओर दोनों पोल लगायें। अगले दिन यह जल चुम्बकीय जल बन जाएगा। इसके पीने से पाचन-क्रिया में सुधार व कोलेस्ट्रोल का जमाव रूकता है। दस्त व गैस बनने को कम करता है। मूत्रत्याग में व गुर्दे से पथरी को बाहर निकालने में सहायक होता है। यह पानी स्त्रियों की मासिक-धर्म संबधी अनियमितताओं को दूर करने में सहायक है।
चुम्बकीय तेल:- चुम्बकीय जल की भाँति ही चुम्बकीय तेल भी तैयार किया जाता है। इस तेल की मालिश गंजापन ,सामान्य कमजोरी व त्वचा की तकलीफों में लाभदायक है।
चुम्बकीय दूध:- 15 से 30 मिनट तक चुम्बक प्रभावित दूध रात्रि के समय पीने से कामशक्ति बढ़ती है।